जो फर्श से अर्श तक पहुँचाया, उनकी नहीं हुई मायावती तो दूसरों की क्या होंगी – बिन्दु बाला बिन्द
बसपा बन गयी है भाजपा की बी-टीम, भाजपा जो कहती है वही करती व बोलती हैं मायावती- Bindu Bala Bind
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा कई दिनों सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर ही कटाक्ष की जा रही है।मायावती द्वारा की जा रही टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गाजीपुर की सपा नेत्री बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि मायावती अपने को बचाने व जेल जाने से बचने के लिए भाजपा के रिमोट कंट्रोल से चल रही हैं। भाजपा जो निर्देश देती है, मायावती वही बोलती व करती हैं। उन्होंने कहा कि बसपा अब भाजपा की बी-टीम बनकर काम कर रही है। जब से मायावती बसपा की सर्वेसर्वा बनी हैं, पिछड़ों को दरकिनार करना शुरू कर दी। वैसे दौलत की हवस की शिकार मायावती को पिछड़ों दलितों के सामाजिक न्याय, मान-सम्मान, अधिकार की चिंता नहीं है बल्कि अपने व भाई आनन्द को जेल जाने से बचने बचाने के भाजपा की कठपुतली बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव-2019 में 10 सीट जीतने को बड़ी उपलब्धि मानते हुए जिस तरह का मायावती बयान दे रही हैं, वह बिल्कुल गलत है। बसपा के जो 10 सांसद जीते उसमे यादव वोटबैंक का योगदान रहा। भाजपा के नेता दावा करते रहे कि सपा-बसपा का गठबंधन मतगणना के दूसरे दिन ही टूट जाएगा और दोनों देता अलग-2 प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और मायावती ने वही किया। मायावती का बयान आया कि यादवों ने बसपा को वोट नहीं दिया जो बिल्कुल गलत बयान था।सच्चाई यह थी कि यादवों ने गठबंधन प्रत्याशियों को वोट दिया, पर मायावती की चमार व जाटव बिरादरी के आधा से अधिक सपा पर्यशीयों को न देकर भाजपा के पाले में चले गए या ईवीएम मशीन में हाथी न देखकर वापस आ गए। सपा बिना गठबंधन के चुनाव लड़ी होती तो किसी भी परिस्थिति में 20 से 25 सीट जीती होती।
“मायावती ने 150 सीटों पर भाजपा से किया था सौदेबाजी”, मायावती दलित की नहीं दौलत की बेटी व दलित वोट की सौदागर
बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि मायावती दौलत की बेटी हैं दलित की नहीं। मायावती बसपा के मिशन को कमीशन में बदलकर दलित वोट की सौदागर बन गईं।उन्होंने कहा कि जिस मायावती को मान्यवर कांशीराम जी ने फर्श से उठाकर अर्श पर पहुँचाया, उस कांशीराम जी की मायावती नहीं हुई तो किसी और की क्या होंगी। उन्होंने कहा कि बसपा की अब कहानी खत्म होने वाली है। जिला बलिया, विधान सभा रसड़ा से उमाशंकर सिंह अपने व्यवहार से जीते हैं, नहीं तो बसपा जीरो होती। बसपा के वोटर अब वही जाटव/चमार हैं जो निहायत नासमझ व गंवार हैं, जिनका संविधान, लोकतंत्र, सम्मान, स्वाभिमान व आरक्षण से कोई मतलब नहीं। बुद्धिजीवी वर्ग का जाटव भी बसपा की असलियत को समझकर दूर हो गया है। वे समझ गए हैं कि मायावती का चाल-चरित्र क्या है। मायावती जमीन पर पिकड़ों, दलितों के सम्मान की कोई लड़ाई तो लड़ा नहीं है। मान्यवर कांशीराम की मेहनत का लाभ मायावती ने उठाया है। मान्यवर कांशीराम जी आज भी होते और देश के प्रधानमंत्री बने होते, पर निजस्वार्थ में अंधी मायावती ने कांशीराम जी को नजरबंद कराकर दूर कर दिया। सच्चाई यह है कि सामन्तों से दलितों के मान-सम्मान व इज्जत-आबरू को बचाने के लिए यादवों ने ही सामन्तों का मुकाबला किया।
यूपी विधान सभा चुनाव-2022 में 122 सीटों पर जिस जाति का सपा गठबंधन का उम्मीदवार था, मायावती ने भाजपा को जिताने के लिए उसी जाति का उम्मीदवार उतारा।
बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मायावती ने सपा, कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा के इशारे पर पूरी तरह काम किया। मायावती ने उसी को उम्मीदवार बनाया, जिसे भाजपा ने हरी झंडी दिया। बसपा का भाजपा से 150 सीटों पर सौदेबाजी हुई थी। मायावती ने भाजपा के इशारे पर सपा गठबंधन के 122 उम्मीदवारों के सामने उसी जाति का उम्मीदवार उतारकर भाजपा को जिताने का काम किया, अन्यथा भाजपा गठबंधन 150-160 से अधिक सीट जीत ही नहीं पाता और आज उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन की सरकार होती। इस विधानसभा चुनाव में भी मायावती का दलित वोटर भाजपा को वोट दिया। चुनाव के दौरान मायावती का सिर्फ 2 बयान आया कि सपा को हराने के लिए भाजपा को वोट दे देना और कांग्रेस सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है। उन्होंने भाजपा के विरुद्ध जुबान तक नहीं खोला। मायावती के सलाहकार महासचिव सतीशचन्द्र मिश्रा आरएसएस की विचारधारा के पिछड़ा दलित विरोधी हैं। बाबा का जाति देखकर बुलडोजर चल रहा है। अबैध कब्जों व सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करने का अभियान चला रहा है। बाबा जरा शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय की भी जमीनों का ईमानदारी व निष्पक्षतापूर्ण जांच करा लेते तो जनता पूछने लगती कि बुलडोजर कब चलेगा।
बिन्दु बाला बिन्द Bindu Bala Bind