लखनऊ : गाजीपुर की सपा नेत्री बिन्दु बाला बिन्द ने योगी सरकार के मंत्रियों के विभाग बटवारा पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि विभागों का बटवारा मनुस्मृति के वर्ण व्यवस्था के अनुसार किया गया है तथा समाज के आरक्षण को आरएसएस मुख्यालय में गिरवी रखकर कैबिनेट मंत्रीमंडल में जगह पाने वाले डा संजय कुमार निषाद को भी नहीं मिला मालदार विभाग !
बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि आरएसएस व भाजपा बिन्द निषाद केवट कश्यप मल्लाह समाज सहित अति पिछड़ी जातियों का वोट लेना तो जानती है लेकिन मनुवाद के पोषक कभी नही चाहते हैं कि बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप, मल्लाह समाज के या अति पिछड़ी जातियों के नेताओं को किसी अन्य विभाग का मंत्री बनाया जाये क्योंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जाति के अनुसार मंत्रियों के विभाग का बटवारा की है अर्थात वर्ण व्यवस्था में जिस भी जाति समुदाय को जो भी कार्य करने के लिए बनाया व बताया गया है, उस जाति नेताओं को वही विभाग मिला है ताकि अपने परम्परागत काम के दायरे में रहकर आरएसएस व भाजपा की गुलामी से आजाद न होने पाये । यदि आजाद होकर दलित पिछड़ा समुदाय समझदार हो जायेगा तो हक अधिकार मांगने लगेगा ।
बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि
1- 2001 में केवट/कोली जाति के पुरुषोत्तम भाई सोलंकी जी गुजरात सरकार में मत्स्य राज्यमंत्री के पद की शपथ लिए जो आज तक मत्स्य राज्यमंत्री ही हैं, कैबिनेट मंत्री नहीं बन पाये है ।
2- मध्यप्रदेश में मोती कश्यप जी को मछली पालन ।
3- बिहार में मुकेश साहनी जी को मछली पालन, वर्तमान समय में मंत्री मण्डल से बर्खास्त ।
4- उत्तर प्रदेश सरकार 2017 में जयप्रकाश निषाद जी मछली पालन ।
5- अपने बड़े बेटे प्रवीण निषाद को संत कबीर नगर से भाजपा सांसद व छोटे बेटे सरवन निषाद को गोरखपुर चौरी चौरा से भाजपा विधायक बनाकर स्वयं भाजपा कोटे से एमएलसी बन गये है और समाज के आरक्षण को आरएसएस मुख्यालय में गिरवी रखकर उत्तर प्रदेश सरकार 2022 में समाज को बेचने वाला स्वार्थी डा संजय कुमार निषाद को भी मछली पालन विभाग ही मिलना यह बताता है कि समाज के सरकार मछली पालन के अलावा और कुछ नहीं सोच सकती है । समाज के लोग जानना चाहते हैं कि समाज को आरक्षण कब मिलेगा क्योंकि मंत्री से नहीं बल्कि आरक्षण से ही समाज का विकास होगा ? देखने पर मालूम हो रहा है कि हर राज्यों में ऐसी ही स्थिति है तो क्या मछली पालन तक ही सीमित रहेगा हमारा केवट समाज ? जबकि वर्ण व्यवस्था की जाति के अनुसार ब्राह्मण को शिक्षा स्वास्थ्य विभाग व बनिया को वित्त विभाग दिया गया है अर्थात सवर्णों को मालदार विभाग दिया गया है इसलिए समाज के लोग चुप चाप मछली पकड़कर बनाइये, खाइये और भूलकर भी आरक्षण मत मागियेगा क्योंकि आरक्षण विरोधी पार्टी सत्ता में आ गयी है ।
बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि योगी कैबिनेट में केवल एक दलित को कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया जिसे महिला व बाल विकास मंत्रालय दिया गया है जिससे कुशवाहा/मार्या/कोइरी ख़ुश है कि केशव प्रसाद मौर्य सहित मेरे समाज़ के दो कैबिनेट मंत्री बन गये है जबकि दलित समाज से ताल्लुक रखने वाली बेबी रानी मौर्या जाटव/चमार समाज से है जो केवल जानने वाले दलित ही खुश है कि मेरे समाज़ को एक नेत्री को कैबिनेट मंत्री के साथ ही हम सभी को फ़्री में राशन मिल रहा है तथा और जो दलित नहीं जानते है वे दुखी है कि हमारे समाज से किसी को कैबिनेट में जगह नहीं मिली । इस प्रकार बेबी रानी मौर्य की जाति ना जानने वाले कुशवाहा/मार्या/कोइरी व जाति जानने वाले चमार/जाटव खुश है । दलित पिछड़े समाज को पता है कि असली व पावरफुल मंत्री केबिनेट स्तर के मंत्री ही होते है क्योंकि केबिनेट ही निर्णय लेती है इसलिए दलितों पिछडो को पावर नहीं बल्कि फ़्री में राशन चाहिए जो अभी अगले तीन माह तक और फ़्री में मिलेगा, ऐसा राज्यमंत्रियो ने नहीं बल्कि कैबिनेट मंत्रियों ने बड़ा प्रस्ताव पास किया है । अब आप समझिऐ, सोचिए कि आपकी हैसियत क्या, कहाँ व कितनी है ?
बिन्दु बाला बिन्द ने आगे समाज के लोगों से कहा कि अब आप सोचिये कि भाजपा का झंडा उठाकर चलने वाली व कट्टर वोट कहे जाने वाली पासी, बाल्मीकि, धोबी जाति से भाजपा ने कैबिनेट मंत्री क्यों नही बनाया ? यह प्रश्न शायद आपके लिए अहम नहीं है इसलिए जोर से बोलो जय श्रीराम ! सारे मुद्दे ग़ायब !✍
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