गुहराज निषाद की जयंती पर अपील, संविधान व शिक्षा का करे अनुशरण-बिन्दु बाला बिन्द

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Bindu Bala Bind Nishadraj
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गुहराज निषाद की जयंती पर अपील, संविधान व शिक्षा का करे अनुशरण- बिन्दु बाला बिन्द

Bindu Bala Bind Nishadraj

गाजीपुर : आज नवमी के पंचमी के दिन भगवान श्रीराम के एकमात्र परम सखा भगवान गुहराज निषाद की जयंती स्टार पैलेस बन्धवा मोड पीरनगरए गाजीपुर में आयोजित कर मनाया गया। प्रखर मुख्य वक्ता व समाजसेविका बिन्दु बाला बिन्द ने अपने बिन्द निषाद समाज से आहवान करते हुए कहा कि भगवान गुहराज निषाद जी के महान कृतियों के आधार पर हम अपने कर्मों को आगे बढ़ाएं। बिन्द, निषाद, केवट वंश के राजाओं का इतिहास को ढूंढकर संविधान के साथ ही इतिहास व संविधान को गहनता से पढ़े और गांव में रहने वाले हर एक केवटवंशी तक पहुंचाने का सामाजिक कार्य करे ताकि भगवान श्रीराम जी में आस्था रखने वाला समाज अपने महापुरुषों व संविधान के बारे में जानकर अपने उद्वार व उत्थान के बारे में सोच विचार कर नियमित सामाजिक कार्य कर सके क्योंकि आज के कलयुग में कलम का राज है इसलिए कलम की ताकत को समझकर शिक्षित बने, संगठित बने। सोशल मीडिया दलित पिछडे कमजोर कमेरावर्ग की आवाज रखने का सुलभ प्लेटफॉर्म है, जिसपर अपनी राय को लिखे, बच्चों को शिक्षित करने में हर संभव कोशिश करें।

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बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि अच्छी शिक्षा के बिना सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक स्थिति का सुधार संभव कदापि नहीं है इसलिए जागरूकता से कोई भी समाज अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। अपना सामाजिक भाई चारा व सौहार्द मजबूत बनाएं।

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बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि मुलायय सिंह यादव जब सूबे के तिसरी बार मुख्यमंत्री 29-अगस्त, 2003 को बने और दिनांक 13-मई, 2007 तक रहे तो महाराजा गुहराज निषाद व श्रृषियों के श्रृषि महर्षी कश्यप की जयंती विशम्भर प्रसाद निषाद, सीताराम बिन्द, रामसुन्दर दास निषाद, चौधरी लालता निषाद साल 5-अप्रैल, 2004 को मनाया जाना तय हुआ और यह रिवाज प्रत्येक साल चलने लगा। बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप समाज राजी खुशी अपने महापुरुष महाराजा गुहराज निषाद व महर्षी कश्यप की जयंती मनाने लगे। दिनांक 15-मार्च, 2012 को अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने तो राजपाल कश्यप ने मुख्यमंत्री के पास जाकर कहे कि हमारे समाज के दो महापुरुष है, दोनो महापुरुषो की जयंती के लिए एक तिथि 5-अप्रैल को तय करते हुए राजपत्रित छुट्टी घोषित कर दिजिए ताकि बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप समाज पूरे साल 365 दिन में एक दिन अपने महापुरुष की जयंती मनाकर याद कर सके। अखिलेश यादव ने तुरंत 5-अप्रैल को राजपत्रित छुट्टी घोषित कर दिये तो भाजपा के पेट में दर्द होने लगा इसलिए भाजपा हाईकोर्ट इलाहाबाद चली गयी और कही कि 5-अप्रैल को गुहराज निषाद व महर्षी कश्यप का जन्म होने का कोई प्रमाण नही है। माननीय न्यायालय में सुनवाई के दौरान यह तय हुआ कि नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ है जबकि पंचमी के दिन गुहराज निषाद का जन्म हुआ है। साल-2017 में भाजपा की सरकार बनी तो 5-अप्रैल की जारी राजपत्रित छुट्टी घोषित को रद्द करने का आदेश पारित कर दी और मछुआ आवास योजना को भी बन्द दी। इस साल नवमी के पूर्व पंचमी की आज तिथि दिनांक 03-04-2025 को गुहराज निषाद की जयंती मनायी जा रही है तब भी भाजपा परेशान है कि भगवान श्रीराम कैसे बाद में पैदा होकर गुहराज निषाद से छोटे हो गये लेकिन सच यही है ।

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