मुग़ल काल
मैं ब्राह्मण हूँ, आपका स्वागत करने के लिए खड़ा हूँ. आपको चिंता करने की कोई जरूरत नही, आप आराम से तंबू गाड़कर शासन कर सकते हैं. हम आपकी सेवा में हाज़िर रहेंगे. बदले में मंदिर और अखाड़ों को भूमि दान कर देना.
हम गरीब ब्राह्मणों को मुग़ल दरबार में मंत्री, मनसबदार, राज कवि, राज गायक के पद से सम्मानित कर देना. यकीन मानिए बादशाह सलामत हम मुग़ल साम्राज्य की सेवा में कमी नही छोड़ेंगे.
ब्रिटिश काल.
मैं ब्राह्मण हूँ, आपका स्वागत है साहब जी. आपको चिंता करने की कोई जरूरत नही. हम आपके वफादार हैं, हम आप अलग नही हैं, आप भी आर्य हम भी आर्य. हमारे पूर्वज यूरेशिया से पलायन कर सेंट्रल एशिया की घास काटते हुए भारत में दाखिल हुए. चमड़ी के रंग पर मत जाइए, यूरेशिया के मुकाबले यहां सूरज ज्यादा निकलता है इसलिए थोड़े सांवले हो गए हैं.
आप यहां शासन करो, इंग्लिश स्कूल खोलो, हम उसमें पढ़ेंगे. लंदन भी पढ़ने जाएंगे. पढ़कर वकील डॉक्टर और समाजसुधारक बनेंगे. कुछ प्रशासन में भर्ती होकर आपकी सेवा करेंगे और कुछ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आंदोलन करने की नौटंकी करेंगे.
स्वतंत्र लोकतांत्रिक भारत (ब्राह्मण सरकार की शुरुआत).
मैं ब्राह्मण हूँ. नया ब्राह्मण यानी लिबरल ब्राह्मण. हमने वेद पुराण आदि सब पढ़ा है. लेकिन हम लिबरल ब्राह्मण जाति पाती या वर्ण आश्रम व्यवस्था नही मानते. सरकार आपसे आपकी ज़मीन छीन रही है, आप लोगों को भूमि से बेदखल कर रही है. बांध को हम बनने नही देंगे. आप लोग अपने जाति के नेताओं को किनारे कर देना, हम ब्राह्मणों को मंच पर बिठाकर अपना नेता बनाए.
मैं ब्राह्मण हूँ. मेरा जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ है. मेरे पिताजी गांधी के आश्रम में संडास साफ करते थे. मैं जात पात नही मानता. जल जंगल ज़मीन पर पहला अधिकार आपका है. आप लोगों को भूमि से बेदखल नही होने दूंगा. आपकी लड़ाई मैं लड़ूंगा. मंच पर बैठे सभी आदिवासी नेताओं को किनारे खड़े करो, और मंच पर खड़ा कर मुझे आप लोगों का नेतृत्व करने का सौभाग्य दो.
बांध परियोजना के कारण बेदखल आदिवासियों की लड़ाई लड़ने के लिए सम्मान. पानी बचाने की योजना सफल बनाने के लिए सम्मान. आदिवासी बहुल इलाकों में उनकी भूमि और संस्कृति बचाने के लिए आंदोलन करने पर सम्मान. छोटे बच्चों को मजदूरी से आज़ाद कराने पर सम्मान.
सम्मान पुरस्कार हासिल करने के लिए यूरोप, अमेरिका, जापान, दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस तक घूमने का मौका मिलता है, बड़ा मजा आता है.
मेरा जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ. मेरे पिताजी गांधीवादी थे. मैं जात पात बिल्कुल भी नही मानता. वेद पुराण रामायण गीता को भी नही मानता. सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए आंदोलन चला रहा हूँ. जातीय हिंसा, भेदभाव और जातिवाद के सख्त खिलाफ हूँ. और आरक्षण, जातीय जनगणना के भी सख्त खिलाफ हूँ.
मेरा येही मानना है आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए. मेरा जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ, जनेऊ की कसम मैं जात पात नही मानता.
REPOST : 28 SEP 2021