क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को ED और CBI का डर नहीं है ? बिन्दु बाला बिन्द 

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क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को ED और CBI का डर नहीं है ? बिन्दु बाला बिन्द

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तमिलनाडु सरकार ने बिल पास करके राज्यपाल से कुलपति नियुक्त करने का अधिकार छीना – बिन्दु बाला बिन्द Bindu Bala Bind

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गाजीपुर : सपा नेत्री बिन्दु बाला बिन्द ने दलित पिछड़े समुदाय के लोगों को बताया कि आप सोच रहे होंगे कि तमिलनाडु सरकार के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने आखिर में इतना साहसी कदम क्यों उठाया ? यह समझने के लिए हमको एम. के. स्टालिन की वैचारिक पृष्ठभूमि और उनके द्वारा सामाजिक न्याय के पक्ष मे उठाए गए अन्य साहस भरे फैसलों के विषय मे जानना अति आवश्यक है ।

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1. तमिलनाडु में OBC, SC, ST के पक्ष में EWS आरक्षण को न लागू करना ।
2. नीट में सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वालें विद्यार्थियों के लिए 7.5% आरक्षण की व्यवस्था करना । उल्लेखनीय है कि सरकारी विद्यालयों मे पढ़ने वाले लगभग 99% विद्यार्थी OBC, SC, ST वर्ग से आते है।
3. तमिलनाडु के मंदिरो में OBC, SC, ST वर्ग को आरक्षण की व्यवस्था प्रदान करना ।
4. तमिलनाडु में पहले से ही 69% आरक्षण प्रदान किया गया है, जिसमें OBC को 50% आरक्षण प्राप्त है, जिसे न्यायिक पुनरावलोकन से सुरक्षित रखने के लिए संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल दिया गया है ।

बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि एम. के. स्टालिन को सामाजिक न्याय के पक्ष में यह सब फैसले लेने का साहस दक्षिण पूर्व एशिया एवं भारत के सुकरात तथा आधुनिक काल के पैगम्बर (युनेस्को द्वारा प्रदत्त उपाधियां), आडम्बर, अन्धविश्वास, पाखंड के प्रबल विरोधी सामाजिक न्याय के स्तम्भ पेरियार (संत) ई वी रामास्वामी नायकर के क्रांतिकारी विचारो की मजबूत पृष्ठभूमि से प्राप्त होता है और इसी वैचारिक् पृष्ठभूमि के दम पर स्टालिन ने OBC, SC, ST के आरक्षण का घोर विरोधी आरएसएस, बीजेपी एजेंट के रूप मे काम करने वाले तमिलनाडु के राज्यपाल से कुलपति नियुक्त करने की शक्ति विधेयक लाकर कर छीन लिया है । ऐसी स्थिति में तमिलनाडु के राज्यपाल अब संघी मानसिकता के कुलपतियों की नियुक्ति नहीं कर पाएंगे । जिससे तमिलनाडु राज्य के विश्वविद्यालयों मे OBC, SC, ST वर्ग के प्रोफेसर और विद्यार्थियों के हित, पूर्व की भांति सुरक्षित रहेंगे ।

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बिन्दु बाला बिन्द ने आगे बताया कि उल्लेखनीय है कि 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक भी कुलपति OBC, SC, ST वर्ग का नहीं है क्योंकि राष्ट्रपति गुलाम SC और पीएम नकली OBC है । ऐसे ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भी संघी मानसिकता के लोगों को बैठा कर प्रोफेसर् और आईएएस लेटरल एंट्री से बनाए जाएंगे, जिसमें OBC, SC, ST आवेदन करने योग्य नहीं होगा ।

क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को ED और CBI का डर नहीं है ? सारा डर उत्तर भारत के ही OBC, SC, ST नेताओं को ही क्यों है । क्यों अपने लाभ के लिए OBC, SC, ST समाज को गुलाम बनाने के लिए तैयार है, यह सवाल हर दलित पिछड़े समुदाय के लोगों को अपने नेताओं से पूछना चाहिए!

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