निज स्वार्थ में समाज को पूरी तरह से बर्बाद कर देगे डा संजय निषाद – बिन्दु बाला बिन्द Bindu Bala Bind
लखनऊ: बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि जिला देवरिया रुद्रपुर से चौथी बार बने विधायक जय प्रकाश निषाद को मंत्री पद से हटाकर डा संजय कुमार निषाद ने निषाद पार्टी व निषाद के नाम पर मंत्री पद अपने हथिया लिया है और आरक्षण को पहली कैबिनेट में मंजूरी दिलाने का आश्वासन दिलाकर बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप, मल्लाह समाज का वोट भाजपा गठबंधन को खूब दिलाया है जबकि निषाद पार्टी के कारण ही डा विनोद कुमार बिन्द, हड्डी रोग विशेषज्ञ या फिर किसी बिन्द को राज्यमंत्री तक नहीं बनाया गया है इसलिए आप भी यथार्थ का अवलोकन कर ले और फिर निर्णय लिजिऐ कि गुलामी करनी है या फिर क्या करना है ?
आगे बिन्दु बाला बिन्द ने बताया कि सात जून 2015 को निषाद बिरादरी को अनुसूचित जाति में शामिल करने और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद (निषाद पार्टी का सामाजिक संगठन) के बैनर तले बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप, मल्लाह समाज समुदाय के लोगों ने कसरवल में रेलवे लाइन पर जाम लगा दिया था । ट्रैक से आंदोलनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया तो आंदोलनकारी उग्र हो गए । भीड़ ने पथराव किया तो पुलिस ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े । इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई । फायरिंग में इटावा के बकेवर क्षेत्र के मड़िया दिलीपनगर निवासी अखिलेश निषाद (20 वर्ष) की मौत हो गई थी । पुलिस ने इस मामले में डॉ. संजय निषाद सहित 37 नामजद और दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था । 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 13 लोगों को छोड़कर सभी की जमानत हो चुकी है जबकि डा संजय कुमार निषाद सरकारी गवाह बनकर भाजपा से गठबंधन करके आज कैबिनेट मंत्री बन गया है । इस प्रकार आरक्षण की मांग को बुलन्द करने के लिए गोरखपुर कसरवल में रेल रोको आन्दोलन के आन्दोलनकारी बर्बाद होकर गुमनाम हो गये है तथा उसी आन्दोलन में अपने मां-बाप का एकलौता बेटा अखिलेश निषाद शहीद हो गया जो 2019 में आरक्षण धीरे-धीरे आरएसएस मुख्यालय पर पहुँच की गति दिशा में आज आरएसएस मुख्यालय पहुंचकर सदैव के लिए ठण्डे बस्ते में चला गया है ।
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बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि दिसम्बर, 2018 में गाजीपुर कठवामोड के आन्दोलनकारी बर्बाद हो गये तथा उसी आन्दोलन में गिरफ्तार किये गये हरीनाथ बिन्द की जेल में मृत्यु हो गयी । वर्ष 2019 में निषाद पार्टी का लखनऊ में कार्यालय खोलने के लिए जमीन खरीदने के नाम पर समाज से करोडों रूपये चन्दा इकट्ठा करके समाज को धोखा देकर जमीन को निषाद पार्टी के नाम पर नहीं बल्कि अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीद लिया, जिसका विरोध करने पर गाजीपुर के अर्जुन कश्यप सहित चार लोगों के विरुद्ध सुल्तानपुर की अपनी चहेती महिला को आगे करके दबाव बनाने के लिए गैंग रेप का मुकदमा दर्ज करवा दिया, जिससे ये लोग बोलना बन्द कर दिये तथा बोलने वाले कुछ बचे लोगों को भी चन्दा का बचा रूपया में से लाख लाख रूपये देकर बोलना बन्द कर दिया ।
2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन से डा संजय कुमार निषाद जी निषाद पार्टी सिम्बल पर 10 टिकट व भाजपा सिम्बल पर 6 टिकट मिला था जिसमें से केवल एक टिकट अपने बेटा सरवन निषाद को देकर सारा टिकट सवर्णों को करोड़ों रूपये लेकर बेच दिया है जबकि निषाद पार्टी को खड़ा करने वाले समाज के मिशनरी लोगों को ठेंगा दिखाकर बेवकूफ बना दिया और आख़िरी समय में बचे एक टिकट को डा विनोद कुमार बिन्द को दिया, जिसपर भी लोग़ कहते है कि विनोद बिन्द से भी लाखों रूपये लेकर डा संजय कुमार निषाद ने टिकट दिया है और समाज के कई प्रत्याशी के विरुद्ध सवर्ण प्रत्याशी खड़ा करके समाज के कई नेताओं को हरा दिया जबकि विकाशशील इंसान पार्टी ने अपने समाज के प्रत्याशियों के विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा ना करके समाजहित का कार्य किया है ।
समाज की असहनीय पीड़ा को समझते हुए बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि अब शहीद अखिलेश निषाद की आत्मा आज कहती होगी कि मैने अपनी बलि देकर अपने समाज का भला तो नही किया लेकिन एक परिवार का भला इस कदर किया कि समाज को बेचने वाले परिवार के ही सदस्यों को प्रवीण निषाद को सांसद, डा संजय कुमार निषाद को एमएलसी मंत्री, सरवन निषाद को विधायक बना दिया हूँ जबकि आरक्षण पता नहीं कहाँ चला गया ?