लखनऊ: गाजीपुर की बिन्दु बाला बिन्द ने डा संजय निषाद पर तिखा प्रहार करते हुए कहा कि पहले राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के नाम से सामाजिक संगठन बनाकर समाज के बुद्धिजीवियों को जोड़े और फिर निषाद पार्टी बनाकर समाज को शासन-सत्ता, पुलिस, दरोगा, अधिकारी बनने व नौकदी देने दिलवाने के सपने दिखाकर समाज को अनुसूचित जाति का आरक्षण, फूलन देवी जी की हत्या की सीबीआई जांच सहित समाज के 10 सूत्रीय माँगो को पूरा करने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिये । आन्दोलन में केवल बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप, मल्लाह समाज के लोग ही भाग लेते थे । इस प्रकार कई आन्दोलनों में समाज के लोग जेल भी गये, जिसमें से कुछ जेल से छूटे और कुछ अभी भी जेल में ही बन्द है तथा जो बाहर है वे कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगा रहे है ।
बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि मछुआ समाज को गुलामी से बाहर निकालने व मनुवाद से आजादी दिलाने के लिए जो लक्ष्य बनाकर समाज की लड़ाई लडने के लिए आया था, वह स्वार्थी डा संजय निषाद खुद ही सरकारी गवाह बनकर भाजपा कोटे से MLC पद पाकर आरएसएस व मनुवाद का गुलाम बन गया है जिसे विधानसभा चुनाव-2022 में जब समाज को टिकट देकर विधायक बनाने का मौका मिला तो निषाद पार्टी व समाज के मिशनरी कार्यकर्ताओं को कुचलकर केवल एक टिकट अपने बेटा को भाजपा सिम्बल पर देकर सभी टिकटों को करोड़ों रूपये लेकर सवर्णों को बेच दिया, जिससे 70 करोड़ रुपये टिकटों को बेचकर कमा लिया और चुनाव के बाद भाजपा गठबंधन में कैबिनेट मंत्री बनकर मत्स्य पालन विभाग भी पाकर दिनांक 30 मार्च, 2022 को एलान किये कि कल कैबिनेट मंत्री डा संजय निषाद का गोरखपुर में प्रथम आगमन होगा और जगह जगह कार्यकर्ता सम्मान करेंगे तो समाज के लोग जानना चाहते हैं कि जब समाज के बल पर पार्टी खड़ा करके समाज के लोगों को टिकट ना देकर सवर्णों को सारा टिकट बेच दिये ।
तो बिना पावर वाले कैबिनेट मंत्री जी,
आप हम लोगों को बताइये कि आज दिनांक 31-मार्च, 2022 को आपके गोरखपुर प्रथम आगमन पर आपका सम्मान व स्वागत करने के लिए भाजपा के कितने सवर्ण पदाधिकारी आये थे, आपके पार्टी के कितने गैर भाजपाई सवर्ण आये थे, कितने सवर्णों को आपने खरीदकर बुलाये थे ?
बिना पावर वाले कैबिनेट मंत्री जी,
शायद आपके (डा संजय निषाद) पास उत्तर है कि ना कोई भाजपाई सवर्ण मेरा सम्मान करने के लिए आया था और नाही कोई निषाद पार्टी का सवर्ण मेरे बुलाने पर आया था और नाही मै (डा संजय निषाद) किसी सवर्ण को अपना सम्मान करवाने के लिए खरीद ही पाया लेकिन मेरा (डा संजय निषाद) सम्मान करने के लिए हर जगहों पर समाज के मिशनरी लोग ही मौजूद थे इसलिए मनुवाद के चंगुल में जकड़ी हुई आपकी (डा संजय निषाद) बेशर्म आत्मा आज सत्ता के सुख में मदान होकर जरूर कह रही होगी कि यदि समाज के लोग आज जगह जगह मौजूद होकर मेरा (डा संजय निषाद) मान-सम्मान नही किये होते तो कोई भी नहीं पूछता, मेरा सम्मान नहीं हो पाता, दल पार्टी व खुद की इज्जत नहीं बच पाती, इस घड़ी में भी समाज के लोग ही मेरे काम आये लेकिन मै (डा संजय निषाद) कभी नहीं सुधरूगा क्योंकि मै (डा संजय निषाद) आरएसएस व भाजपा का गुलाम होने के वजह से अपने सारे मुद्दे जैसे आरक्षण, फूलन देवी जी की हत्या की सीबीआई जांच सहित समाज के 10 सूत्रीय माँगो को आरएसएस मुख्यालय में गिरवी रख दिया हूँ इसलिए भले ही समाज मेरे लिए काम आता है या काम कर रहा है लेकिन 2024 के लोक सभा चुनाव में फिर से मै (डा संजय निषाद) अपने हिस्से के टिकटों को सवर्णों को करोड़ों रूपये लेकर बेच दूंगा । पार्टी का कोई पदाधिकारी आवाज उठायेगा तो उसे लाख या पचास हजार रूपये दे दूंगा तो चुप हो जायेगा इसलिए आप लोग बस जय निषादराज, निषाद पार्टी जिन्दाबाद, डा संजय निषाद जिन्दाबाद बोलते रहीये वरना भले ही मै (डा संजय निषाद) पावरलेस हूँ लेकिन इतनी मेरी पावर है कि आवाज उठाने वाले समाज के उस नालायक व्यक्ति को (जैसे मै बिन्दु बाला बिन्द) को समाज द्रोही घोषित करवा दूंगा, मुझे (डा संजय निषाद) किसी बात की चिन्ता नहीं है क्योंकि मेरे दोनों बेटे भाजपा में सेट होकर एमपी, एमएलए बन गये है और मै कैबिनेट मंत्री । तुम, तुम्हारा समाज व आरक्षण जाये भाड़ में ।
जोरो से बोलो जय श्रीराम
जोरो से बोलो रामसखा निषादराज की जय ।
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