UP विधान सभा चुनाव 2022 में जातिवार विधायकों की स्थिति देखे और बिन्दु बाला बिन्द के समीक्षा को समझे

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बिन्दु बाला बिन्द गाजीपुर
बिन्दु बाला बिन्द गाजीपुर

लखनऊ: गाजीपुर की सपा नेत्री बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि UP विधान सभा चुनाव 2022 में जातिवार (जातिगत) विधायकों की स्थिति देखे और मेरी समीक्षा को समझे !

बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि भाजपा ने सवर्णों को 178, कांग्रेस ने 145, बसपा ने 110 टिकट देकर सवर्णों के गुलाम बने रहे जबकि मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाकर शुद्र करवाने के बाद जब माननीय भैया अखिलेश यादव जी को शुद्र होने का एहसास भाजपा ने कराया तो सबसे कम 78 टिकट सपा ने देकर जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे को मजबूती प्रदान किये लेकिन दलितों पिछडो ने भैया अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करने का काम नहीं किये ।

बिन्दु बाला बिन्द के अनुसार आइये देखते है कि राजनीति किसकी चल रही है ?
ब्राह्मण नाराज होकर भी 52 विधायक, क्षत्रिय 49, बनिया 22, भुमिहार 5, कायस्थ 3 कुल 131 सवर्ण विधायक बन गये है, जबकि इनकी आबादी के अनुसार सवर्णों की संख्या होनी चाहिए 403×15% अर्थात 60 विधायक लेकिन 131 – 60 = 71 विधायक दलितों पिछडो के मेहरबानी से चुने गये है । सवर्ण समाज यह 71 विधायक की सीटें किसकी कब्जा किये है, आपको कुछ पता है, ऐसा अपने समाज के लोगों से कहा है ?

बिन्दु बाला बिन्द ने आगे कहा कि कुर्मी 41, यादव 27, लोध 18, बिन्द, कश्यप, निषाद 8, राजभर 4, गुर्जर 7, कलवार, तेली, सोनार 7, जाटव, चमार 29, पासी 27, कोरी 8, खटिक 5, धोबी 4, मुस्लिम 34 । विश्लेषण के लिए ये कुछ आंकड़े हैं, फिर भी बहन कुमारी मायावती ब्राह्मणो को बढ़ावा क्यों दे रही है जबकि बसपा मंचों से कहती है कि बसपा दलितों पिछडो की पार्टी है और सारा टिकट सवर्णों को करोड़ों रूपये लेकर बेच देती है ? इस प्रकार बसपा मनुवादी की मात्र दलाल बनकर रह गयी है जबकि सपा अकेले आरएसएस व भाजपा के मनुवाद से लड रही है । भाजपा चुनाव परिणाम के बाद मुस्लिमों के 34 विधायकों का हवाला देकर कह रही है कि सपा गठबंधन ने 34 मुसलमानों को विधायक बना दिया है जिस पर गाजीपुर मै बिन्दु बाला बिन्द ने आरएसएस से कहा है कि यह 34 मुस्लिम विधायकों की संख्या अभी कम है क्योंकि मुसलमानों की आबादी 20 प्रतिशत है । इस प्रकार 403×20% अर्थात 80 मुसलमानों को विधायक होना चाहिए जोकि संख्याबल के अनुसार 80 – 34 = 46 मुस्लिम विधायक अभी कम है तथा यादव 27 के बजाय 9 प्रतिशत के अनुसार 36 होने चाहिए जोकि यादव समाज का भी अभी 9 विधायक कम है । उन्होंने सबसे खराब दशा अपने बिन्द, निषाद, केवट, कश्यप, मल्लाह समाज की बताया है, जिसकी यूपी में संख्या 15 प्रतिशत है, इस प्रकार 60 विधायक होने चाहिए लेकिन है केवल 8 क्योंकि आरएसएस व भाजपा की गुलामी करने में व्यस्त है ।

उन्होंने कहा कि आरएसएस ने ओबीसी के वोट से सवर्णो के 71 विधायक ज्यादा बना लिए है लेकिन इस पर बिकाऊ मीडिया चैनल कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन 34 मुस्लिम समुदाय से विधायक बनने पर नासमज लोगों के दिमाग़ को कट्टरपंथी रूपी नफरती बना रहा है और सच नहीं बता रहा है । दलितों को हिस्सेदारी मिल गयी है क्योंकि दलितों को संख्या के अनुपात में आरक्षण लागु है और यूपी विधान सभा की 403 सीटें में से 86 सीटें आरक्षित है । यदि संविधान के अनुसार 86 सीटें दलितों के लिए आरक्षित नहीं होती तो जैसे पिछडों का वोट लेकर पिछडों व मुसलमानों के ही सीटों पर सवर्ण समाज कब्जा करके हक मारी कर रहा है, ठीक वैसे ही दलितों का वोट लेकर दलितों के भी 86 सीटों पर कब्जा करके विधानसभा लखनऊ में पहुंचने नही देता लेकिन धन्य हो बाबा साहेब डा भीम राव अम्बेडकर जी, जो आपने विधायिका में दलितों पिछडो के लिए आरक्षण की व्यवस्था किये है, जो केवल दलितों के लिए लागू है, वरना एक भी दलित विधानसभा नही जा पाता ।

बिन्दु बाला बिन्द ने व्यंग्य बोलते हुए कहा कि सपा के 40 में से 35 ब्राह्मण उम्मीदवार हार गए । यानी सपा के 87% ब्राह्मण हार गए । हिंदुओं को इसका पाप लगेगा क्योंकि लोगों ने ब्राह्मणों का दिल दुखाया है । देश में अकाल आएगा । महामारी फैलेगी ! सुनामी आएगी । पाप हुआ है पाप। यज्ञ कराओ। दक्षिणा दो। गाय दान करो ।

बिन्दु बाला बिन्द ने उपसंहार में उक्त संदर्भो से समाज के लोगों को ज्ञात कराते हुए कहा है कि ब्राह्मण और बनिया कभी भी BSP और SP को वोट नहीं देते … इसलिए अब मेरा मानना है कि इनको टिकट देना पार्टी हित में सही नही है… । गैर भाजपा दलों को 85% बहुजनों पर फोकस ठीक वैसे ही करना चाहिए जैसे आरएसएस व भाजपा एक भी मुसलमानों को टिकट नहीं देकर वोटों का ध्रुवीकरण करके सवर्णों को विधायक बनाने का काम कर रही है और दलितों पिछडो के हक अधिकारों पर डाका डाल रही है ।

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