विधान सभा चुनाव-2022 में भी लोकसभा चुनाव-2009 के राह पर ही गैर राजनैतिक चाल में फिर चला भदोही का नासमझ बिन्द समाज – बिन्दु बाला बिन्द Bindu Bala Bind
भदोही : ज्ञानपुर विधान सभा क्षेत्र से 73,446 वोट पाने वाले निषाद पार्टी के उम्मीदवार विपुल दूबे से पूर्व मंत्री रामकिशोर बिन्द जी 67,215 वोट पाकर 6,231 वोटों से चुनाव हार गये तथा प्रगतिशील मानव समाज पार्टी (प्रमासपा) के माफिया प्रत्याशी/विधायक विजय मिश्र ने भी 34,985 वोट पाये है जिस पर सपा नेत्री बिन्दु बाला बिन्द ने चुनाव परिणाम के बाद कहा कि इस प्रकार प्रमासपा के विजय मिश्रा ने 30 हजार तथा निषाद पार्टी के विपुल दूबे ने 10 हजार वोट बिन्द समाज का काट दिये अर्थात दोनों ने 40 हजार बिन्द समाज का वोट काट दिये, जिसके वजह से 6,231 वोटों से बिन्द समाज का समाजवादी सिपाई चुनाव हार गये । ये दोनों पार्टी बिन्द समाज का बहुत ही नुकसान की है, खासकर प्रमासपा ने हराने का काम की है तो वही निषाद पार्टी सारा टिकट सवर्णों को बेचकर समाज को हराने व आरक्षण के नाम पर गुमराह करने का काम की है ।
बिन्दु बाला बिन्द ने अपने बिन्द समाज को पिछ्ले चुनाव का परिणाम याद दिलाते हुए कहा कि जिला भदोही में बिन्द समाज की राजनीति देखा जाये तो ऐसी ही कहानी लोकसभा चुनाव-2009 में भी देखने को मिली थी । लोकसभा के चुनावी मैदान में डा छोटेलाल बिन्द सपा से लडकर 1,82,845 वोट पाये थे लेकिन बसपा के गोरखनाथ ने 1,95,808 वोट पाकर 12,963 वोटों के मामूली अंतर से इसलिए हरा दिये क्योंकि पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद रामरती बिन्द जी ने कहा कि भदोही के बिन्द समाज का नेता मै हूँ, छोटेलाल बिन्द कौन है और कहाँ से आया है । रामरती बिन्द ने यही बात कहकर अपना दल से चुनाव लड़ गये और 83,944 वोट बिन्द समाज का काट दिये जिससे छोटेलाल बिन्द मात्र 12,963 वोटों के अंतर से बेवजह चुनाव हार गये, जिसकी पुनरावृत्ति भदोही का बिन्द समाज ने अपना वोट बाटकर इस विधान सभा चुनाव-2022 में मूर्खता का गैर राजनैतिक परिणाम देकर अपने अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है ।
आगे बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि अगर बिन्द समाज अपने वोट को नहीं बाटा होता तो आज सपा के हाकिमलाल बिन्द के साथ सपा से ही रामकिशोर बिन्द भी दूसरी बार विधान सभा लखनऊ पहुंचते तथा निषाद पार्टी मझवा से डा विनोद कुमार बिन्द के साथ कुल 3 बिन्द विधायक समाज से विधान सभा लखनऊ पहुंचते । खैर अफसोस करने से क्या फायदा ? ग़लती मेरी है कि गाजीपुर की सपा नेत्री मै बिन्दु बाला बिन्द एक दिन भी भदोही के ज्ञानपुर विधान सभा क्षेत्र में जाकर ना समय दे पायी और नाही विश्लेषण ही कर पायी । बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि मुझे मलाल है कि काश मै यह बात अपने बिन्द समाज को सोशल मीडिया के माध्यम से ही चुनाव के समय में समझा पाती तो शायद आज यह परिणाम समाजवादी पार्टी के प्रतिकूल नहीं होता और रामकिशोर बिन्द चुनाव जीतकर विधायक बन गये होते ?
अंत में बिन्दु बाला बिन्द ने कहा कि रामकिशोर बिन्द को हराकर बिन्द समाज ने सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के विश्वास को भी कुचलने का काम किया है और समाज कहेगा कि सपा समाज को टिकट नहीं देती है । आखिर टिकट सपा क्यों देगी जब चुनाव जीताने का काम समाज के लोग नहीं करेंगे इसलिए समाज के लोग अपने बिन्द समाज के अस्तित्व को बचाने का बीडा कब उठायेगे ?